गाजीपुर
रिपोर्ट: उपेंदार
गहमर। रविवार को सैनिकों के गांव गहमर में आयोजित दो दिवसीय 11वें गोपालराम गहमरी साहित्य व कला महोत्सव सकुशल समापन हुआ। आयोजक अखंड प्रताप सिंह ने बताया की महोत्सव के दूसरे दिन पहले सत्र मे समस्त अतिथियों को मां गंगा के स्नान के उपरांत नौका विहार करते हुए गंगा की परिक्रमा करायी गयी। दूसरे सत्र में मां कामाख्या का दर्शन पूजन किया गया जहां पर सभी ने अपनी - अपनी रचनाओं का पाठ किया। मां कामाख्या दरबार के महन्त आकाशराज तिवारी के द्वारा सभी को चुनरी उढाकर सम्मानित किया गया। अगले सत्र मे मां कामाख्या इन्टर कालेज परिसर मे डा.प्रेम शंकर द्विवेदी 'भास्कर' -सच्चा तीर्थ, प्रतिमा यादव - फुटपाथ पर पड़ी एक लाश,
मंजू श्रीवास्तव - भाभी माँ,
सन्तोष शर्मा शान- न्याय,
सुनील दत्त मिश्र- यात्रा कहानी का वाचन किया गया। अपराह्न के बाद चर्चा को आगे बढाते हुए हिन्दी की दुर्दशा पर नन्दलाल द्विवेदी एवं मंजू श्रीवास्तव ने कहा की अखबारों मे हिन्दी को बहुत संघर्ष करना पड रहा फिर भी अखबार हिन्दी के ही बिकते हैं। संतोष शर्मा शान ने आकाशवाणी मथुरा मे हिन्दी दिवस के पखवाडे की बात की चर्चा की। ज्योति किरन रतन ने कहा की स्कूलों मे हिन्दी एक पखवाडे तक सीमित रह गया है। मुख्य अतिथि संजय शुक्ला ने कहा की हिन्दी के प्रचार-प्रसार के सरकार की कथनी और करनी मे बहुत अंतर है। आज सरकार हिन्दी पखवारें एवं सेमिनार के नाम पर हमारे करोड़ों रूपये बर्बाद कर देती है, मगर जब हिन्दी में हम काम कराने जाते हैं तो हमें तिरस्कार का सामना करना पड़ता है।श्रृंखला के बढते चरण मे सायंकालीन संध्या में आमंत्रित कवियो ने अपनी रचनाओं के पाठ से महोत्सव को समापन के उत्कर्ष पर पहुंचाया। इस प्रकार 11वां गोपालराम गहमरी साहित्य व कला महोत्सव सम्मान समारोह अगले वर्ष तक के लिए विराम दिया गया।


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