वाराणसी
रिपोर्ट:देवेंद्र पाण्डेय
वाराणसी की पॉक्सो कोर्ट ने आठ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और फिर निर्मम हत्या करने के जघन्य अपराध में आरोपी इरशाद को मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट तृतीय) की अदालत ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ श्रेणी का अपराध मानते हुए कठोरतम सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है,जिसकी पूरी राशि मृतका के पिता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी।
घटना क्रम
24 दिसंबर 2024 की शाम करीब 6:30 बजे बच्ची घर से पास की दुकान पर ‘गुड नाइट अगरबत्ती’ लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों ने काफी खोजबीन की और पुलिस को सूचना दी, पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अगले दिन 25 दिसंबर को बलदुरपुर स्थित सरकारी स्कूल के पास एक बोरे में बच्ची का शव मिला। पोस्टमार्टम में बलात्कार और गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई।
सीसीटीवी ने खोला राज,पुलिस से मुठभेड़
सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि मोहल्ले का ही रहने वाला इरशाद बच्ची को बहला-फुसलाकर ले गया था। पुलिस जब उसके घर पहुंची तो वह फरार था। 26 दिसंबर को डोमरी क्षेत्र में घेराबंदी की गई तो इरशाद ने पुलिस पर गोली चलाई। जवाबी कार्रवाई में वह पैर में गोली लगने से घायल हुआ और गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी ने कबूला पूरा जुर्म
पूछताछ में इरशाद ने स्वीकार किया कि उसने बच्ची का मुंह दबाकर सुनसान जगह ले जाकर बलात्कार किया। पकड़े जाने के डर से स्कार्फ से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को बोरे में भरकर स्कूल परिसर में फेंक दिया। पहचान छिपाने के लिए बोरे पर पत्थर भी मारे।
कोर्ट ने कहा – समाज में दहशत फैलाने वालों को कोई रियायत नहीं
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने अत्यंत क्रूरता और निर्दयता से एक मासूम बच्ची की जान ली है। ऐसे अपराध समाज में भय पैदा करते हैं, इसलिए ऐसे अपराधियों के प्रति कोई दया नहीं दिखाई जा सकती।
वादी पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संदीप कुमार जायसवाल और अधिवक्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी ने मजबूती से पैरवी की।
इस सजा से पीड़ित परिवार को भले ही थोड़ी राहत मिली हो, लेकिन एक और मासूम की जिंदगी हमेशा के लिए छिन गई।

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