छह राज्यों के 450 प्रतिभागियों ने पेश की अद्भुत मार्शल आर्ट क्षमता
मध्य प्रदेश बना ओवरऑल चैंपियन
शकुन टाइम्स
संवाददाता
वाराणसी
शिक्षा और खेल के संगम से भरे वातावरण में सेठ एमआर जयपुरिया कैंपस बाबतपुर ने शुक्रवार को 10वीं ऑल इंडिया एसएसकेएफ कराटे चैंपियनशिप 2025 के सफल समापन के साथ इतिहास के एक और गौरवपूर्ण अध्याय को दर्ज किया। 29 और 30 नवंबर को आयोजित यह दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता देश के 6 राज्यों से जुटे 450 खिलाड़ियों की दमदार उपस्थिति, उत्कृष्ट प्रदर्शन और खेल भावना की अद्भुत मिसाल बनकर सामने आई।
पूरे आयोजन के दौरान कैंपस कराटे की गूंज, खिलाड़ियों के युद्धघोष, दर्शकों की तालियों और अनुशासन से सराबोर रहा। उत्कृष्ट प्रतियोगी भावना और श्रेष्ठ तकनीकी प्रदर्शन ने इसे अब तक की सबसे प्रभावशाली चैंपियनशिप के रूप में स्थापित कर दिया।
उद्घाटन से समापन तक रोमांचक माहौल
दो दिनों तक चले मुकाबलों में खिलाड़ियों ने काता और कुमिते की विभिन्न श्रेणियों में अपने कौशल का ऐसा प्रदर्शन किया जिसे देखकर दर्शकों ने कई बार खड़े होकर तालियां बजाईं। मुकाबलों में गति, संतुलन, फुर्ती, तकनीक और मानसिक एकाग्रता का असाधारण मिश्रण देखने को मिला।
खिलाड़ियों की हर हरकत में महीनों की मेहनत, कठोर प्रशिक्षण और समर्पण झलक रहा था। आयोजन समिति ने तकनीकी व्यवस्था, चिकित्सा सहायता, सुरक्षा और समय प्रबंधन में उच्चतम मानदंडों का पालन किया।
सम्मान समारोह में गरिमामय उपस्थिति
समापन समारोह में सेठ एमआर जयपुरिया के डायरेक्टर श्री दीपक कुमार बजाज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होंने खिलाड़ियों के उत्साह और प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा आज के ये छोटे खिलाड़ी आने वाले समय में देश का गौरव बनेंगे। कराटे खेल केवल कौशल नहीं, चरित्र निर्माण का माध्यम भी है।”
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित पीडब्ल्यूडी की जूनियर इंजीनियर प्रियांका श्रीवास्तवा तथा नागेश्वर रस्तोगी ने विजेताओं को मेडल पहनाकर सम्मानित किया। दोनों अतिथियों ने बच्चों के जज्बे, अनुशासन और कठिन परिश्रम को सराहा।
मध्य प्रदेश ने मारी बाजी, राजस्थान और असम का शानदार प्रदर्शन
ओवरऑल परिणामों में मध्य प्रदेश ने सर्वोच्च प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। खिलाड़ियों की एकजुटता, तेजी और तकनीकी दक्षता उन्हें चैंपियन बनाने में निर्णायक साबित हुई।
राजस्थान ने दो श्रेणियों में तृतीय स्थान पाकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
वहीं असम ने भी असाधारण प्रदर्शन करते हुए ओवरऑल तीसरा स्थान हासिल किया।
खेल विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार के मुकाबले बेहद कड़े और उच्च स्तरीय रहे तथा खिलाड़ियों ने अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया।
निर्णायक मंडल की भूमिका रही उल्लेखनीय
प्रतियोगिता के सुचारू संचालन के पीछे निर्णायक मंडल का कठोर परिश्रम और विशेषज्ञता रही।
इसमें शामिल थे—
WKF रेफरी विजय कुमार
AND रेफरी अमित उपाध्याय
निर्णायक : अनिल मौर्य, दिनेश भारद्वाज, सुरेश पाल, राधेश्याम गुप्ता, संतालाल, शशि शेखर शर्मा
इन सभी ने नियमों और तकनीकी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित की उनकी विशेषज्ञ निगरानी के कारण मुकाबलों के निष्पक्ष परिणाम सामने आए।
संस्थान के CEO और शिक्षकों ने बढ़ाया हौसला
समारोह में संस्था के CEO आशीष भारद्वाज ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा ऐसी प्रतियोगिताएं न सिर्फ खेल कौशल बढ़ाती हैं बल्कि बच्चों में नेतृत्व, अनुशासन और आत्म-नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण गुण भी विकसित करती हैं।”
वरिष्ठ शिक्षक कंचन गुप्ता ने भी खिलाड़ियों के साहस, समर्पण और खेल के प्रति प्रेम की सराहना की।
वरिष्ठ प्रशिक्षक शिहान अनिल मौर्य ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
संस्था के वरिष्ठ प्रशिक्षक शिहान अनिल मौर्य ने बताया कि इस वर्ष चैंपियनशिप के दौरान खिलाड़ियों ने अत्यंत उच्च स्तरीय क्षमता और अनुशासन का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा यह आयोजन बच्चों की प्रतिभा, उनकी मानसिक व शारीरिक क्षमता और समर्पण का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में चैंपियनशिप को और बड़े मंच पर आयोजित किया जाएगा।”
कैंपस में खेल महोत्सव जैसा माहौल
दो दिन तक पूरा परिसर ऊर्जा, उत्साह और खेल भावना की धारा में डूबा रहा।
खिलाड़ियों के माता-पिता, अभिभावक, दर्शक और खेलप्रेमियों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर बच्चों का मनोबल बढ़ाया।
कराटे खेल के प्रचार-प्रसार के लिए ऐतिहासिक कदम बताया
10वीं ऑल इंडिया एसएसकेएफ कराटे चैंपियनशिप न सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता रही, बल्कि यह युवाओं की प्रतिभा, देश के विभिन्न राज्यों की भागीदारी और खेल भावना की शक्ति का उत्सव भी बनी।
यह आयोजन निश्चय ही आने वाले वर्षों के लिए कराटे खेल में नई दिशा और नए आयाम तय करेगा।












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