रिपोर्ट: देवेन्द्र पाण्डेय
वाराणसी : चौबेपुर के बभनपुरा गांव में जन्माष्टमी के अवसर पर हुई फायरिंग की घटना ने स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने के चलते चंदापुर चौकी इंचार्ज अंकुर कुशवाहा को डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार ने शनिवार को निलंबित कर दिया। साथ ही, मामले की गहन विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। डीसीपी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर गौरव सिंह मोनू के पिता द्वारा दर्ज शिकायत को चौकी इंचार्ज ने गंभीरता से नहीं लिया जिससे हमलावरों का मनोबल बढ़ा।
बताया जाता है कि गौरव सिंह मोनू और उसके विरोधी गुट के अंकित सिंह,नीरज व अन्य के बीच पुरानी रंजिश चली आ रही थी।जन्माष्टमी की रात यह विवाद हिंसक रूप ले लिया, जब अंकित और उसके साथियों ने गौरव पर गाली-गलौज के बाद गोली चलाई।गोली गौरव के पास से निकल गई,जिससे वह बाल-बाल बच गया। इसके बाद गौरव ने जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई,लेकिन हमलावरों ने फिर से उस पर हमला कर दिया।इस घटना ने इलाके में दहशत फैला दी।
पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी,स्थानीय पुलिस और सर्विलांस सेल की तीन टीमें तैनात की हैं।डीसीपी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे और पुलिस की लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह घटना न केवल पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठाती है,बल्कि स्थानीय समुदाय में असुरक्षा की भावना को भी उजागर करती है।अब सभी की निगाहें पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी पर टिकी हैं।

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