शकुन टाइम्स
प्रभात सिंह
चंदौली : धानापुर क्षेत्र के निदिलपुर गांव में सुदामा सिंह के द्वार पर गुरुवार को अष्ट दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह-ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ।आरा बिहार से पधारे कथा वाचक जगद्गुरु रामानुजाचार्य आचार्य गिरिधर ने पहले दिन के कथा मे श्रीमद् भागवत महात्म की कथा सुनाई।कथा सुनाते हुए उन्होंने कहां की भगवान और भगवान के लीला चरित्रों का गायन करने वाला चाहे वह किसी भी वर्ग का हो,यदि भारत के आर्ष परम्परा के प्रति श्रद्धा रखता है तो वह सम्मान का अधिकारी है।बाजार वादी व्यवस्था में वस्तु का मूल्य होता है।वहीं व्यावहारिक जीवन में आवश्यकता का मूल्य होता है।परीक्षित को कथा सुनाते सुखदेव के सामने अमृत कलश लेकर आए हुए देवताओं से परीक्षित ने कहा अमृत पान किए देवताओं को जो भले ही अमर हो उसे असुरों से भय बना रहता है।वहीं ज्ञान अमृत प्राप्त व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त नहीं करता बल्कि मृत्यु को पार करता है।अज्ञान और भय ही मृत्यु है।जबकि सत्य बात यह है कि मृत्यु दो जीवन का संगम है।आचार्य ने कहां की जहां बड़े-बड़े जोगी बैकुंठ की कामना करते है,वहीं बैकुंठ में रहने वाले देवर श्री नारद मृत्यु लोक में आते है।क्यों आते है इसकी कथा अगले दिन सुनाने की बात कहते हुएं आचार्य जी ने कथा को विराम दिया।इस दौरान सुदामा सिंह,विजयशंकर सिंह,सुरेन्द्र सिंह,गुलशन सिंह,जयनाथ तिवारी,उमाकांत तिवारी,दिनेश तिवारी,हरिओम सिंह,शोभनाथ मौर्या,अनिल मौर्या,श्रीकांत सिंह सहित अन्य श्रोता उपस्थित रहे।

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