लखनऊ
रिपोर्ट: मो सलमान
लखनऊ
गोमती नगर थाना पुलिस और क्राइम टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके सरगना समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह का मुख्य सरगना स्वयं पीएचडी होल्डर बताया जा रहा है, जो लंबे समय से फर्जी डिग्री बनाने का “बैंक” चला रहा था।
पुलिस के अनुसार आरोपी 25 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार कर सप्लाई करते थे। यह फर्जीवाड़ा लखनऊ के गोमती नगर इलाके में स्थित एक प्रिंटिंग शॉप के जरिए संचालित किया जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जितेंद्र, अखिलेश और सौरभ के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से 923 फर्जी मार्कशीट, 15 फर्जी मोहरें, दो लाख रुपये नकद, नीली स्याही के पैड, 65 मार्कशीट पेपर और 6 लैपटॉप बरामद किए हैं।
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह देशभर के 25 विश्वविद्यालयों के नाम पर नकली डिग्री और प्रमाण पत्र तैयार कर छात्रों और नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को ठग रहा था। प्रारंभिक जांच में इस नेटवर्क के तार कई राज्यों से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
इस पूरे मामले की जानकारी डीसीपी शशांक सिंह ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और इस फर्जीवाड़े से लाभ उठाने वालों की पहचान कर रही है। आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के जरिए हो रहे बड़े अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में अहम कदम है।

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