शकुन टाइम्स
रिपोर्ट: देवेंद्र पांडेय
वाराणसी अधिवक्ता और पुलिस के बीच तनावपूर्ण संबंधों को दूर करने के उद्देश्य से रविवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण सहमति बनी।मंडलायुक्त,जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने
सेंट्रल बार एसोसिएशन व बनारस बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर कचहरी परिसर की हालिया घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच कराने का निर्णय लिया।कमिश्नर अग्रवाल ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व कचहरी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद वकीलों ने 11 सदस्यीय जांच टीम गठित की थी,जिसके आधार पर अब स्वतंत्र मजिस्ट्रियल जांच होगी।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि जांच के दौरान किसी अधिवक्ता के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होगी।कचहरी प्रकरण के अलावा बड़ागांव में वकील से अभद्रता और रथयात्रा के दौरान नो एंट्री विवाद जैसे अन्य मामलों पर भी मजिस्ट्रियल जांच होगी।इन सभी घटनाओं में वकीलों को पूर्ण आश्वासन दिया गया कि जांच पूरी होने तक कोई दबाव या कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सोशल मीडिया नियंत्रण और संवाद का प्रावधान
सोशल मीडिया पर फैलने वाली उत्तेजक सामग्री को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए।चाहे पोस्ट पुलिसकर्मी की हो या अधिवक्ता की,उसे तत्काल हटाने का आदेश है। इसके साथ ही,वकीलों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने हेतु मासिक बैठकें आयोजित करने का फैसला हुआ।
मुकदमों पर कोई पूर्वनिर्णय,जांच पर निर्भर कार्रवाई
बैठक में मुकदमा वापसी या धारा में कमी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई फैसला नहीं लिया गया।प्रशासन ने जोर दिया कि सभी कदम मजिस्ट्रियल जांच के निष्कर्षों पर ही आधारित होंगे।
यह निर्णय वकील और पुलिस के बीच संवाद को मजबूत करने वाला कदम है,जो कचहरी परिसर में सामान्यता बहाल करने में सहायक सिद्ध होगा।सेंट्रल बार एसोसिएशन व बनारस बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने इसे सकारात्मक कदम बताते हुए समर्थन जताया।

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